🗓️ तिथि: 30 जून 2025
Hindi Expanded Article:
झारखंड के सरकारी स्कूलों में इस समय शिक्षकों की भारी कमी है। राइट टू एजुकेशन (RTE) कानून के तहत हर स्कूल में कम से कम दो शिक्षक होने चाहिए और छात्र-शिक्षक अनुपात 30:1 से अधिक नहीं होना चाहिए। लेकिन राज्य के 8,000 से अधिक स्कूलों में केवल एक ही शिक्षक कार्यरत है, जिससे बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और शिक्षकों पर भी काम का बोझ बढ़ गया है।
इस समस्या का समाधान करने के लिए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने उच्च प्राथमिक स्कूलों में 6,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। झारखंड हाईकोर्ट ने इसके लिए स्पष्ट समयसीमा भी तय की थी ताकि दस्तावेज़ सत्यापन शीघ्र पूरा हो सके। लेकिन अब यह प्रक्रिया विवादों में घिर गई है क्योंकि JSSC ने सिर्फ 2,700 उम्मीदवारों को ही दस्तावेज़ सत्यापन के लिए बुलाया है।
खबरों के मुताबिक, 500 से अधिक उम्मीदवारों, विशेषकर साइंस कैटेगरी के, को बिना किसी स्पष्ट कारण के अयोग्य घोषित कर दिया गया है, जबकि वे सभी योग्यता मानदंडों को पूरा करते थे। इनका दस्तावेज़ सत्यापन जून के पहले सप्ताह में होना था, लेकिन सूची में नाम न होने से वे हैरान हैं। अब उम्मीदवार पारदर्शिता और न्याय की मांग कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि यह भर्ती प्रक्रिया में लापरवाही और मनमानी का उदाहरण है, जिससे न केवल उनका करियर प्रभावित होगा बल्कि झारखंड की शिक्षा व्यवस्था पर भी सीधा असर पड़ेगा।